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रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार 2025

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार 2025

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने वर्ष 2025 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार सुसुमु कितागावा (जापान), रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया), और उमर याघी (अमेरिका) को मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया है। यह पुरस्कार रसायन विज्ञान में क्रांतिकारी खोजों और उनके पर्यावरण, ऊर्जा, और जलवायु परिवर्तन से संबंधित वैश्विक चुनौतियों को हल करने में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करता है।

Nobel Prize In Chemistry 2025

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2025

नोबेल शांति पुरस्कार 2025

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2025 की मुख्य विशेषताएँ

मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) का निर्माण:

रिचर्ड रॉबसन:

  •   धातु आयनों (जैसे ताँबा) और कार्बनिक अणुओं को संयोजित कर 3D छिद्रयुक्त संरचनाओं का निर्माण करने वाले पहले वैज्ञानिकों में से एक।
  •   उनके कार्य ने छिद्रयुक्त पदार्थों की नींव रखी, जिनमें बड़े खाली स्थान होते हैं, जो अणुओं को फँसाने में सक्षम हैं।

सुसुमु कितागावा:

  •   रॉबसन के शोध को आगे बढ़ाते हुए, कितागावा ने प्रदर्शित किया कि MOFs न केवल स्थिर हो सकते हैं, बल्कि पर्यावरणीय गैसों या रसायनों के आधार पर फैलने और सिकुड़ने की क्षमता भी रखते हैं।
  •   यह खोज गैस कैप्चर (जैसे CO2) और ऊर्जा भंडारण के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हुई।

उमर याघी:

  •   MOFs शब्द की अवधारणा दी और रेटीकुलर केमिस्ट्री (जालीदार रसायन विज्ञान) विकसित की, जो धातु आयनों और कार्बनिक अणुओं को व्यवस्थित रूप से संयोजित कर क्रिस्टलीय संरचनाएँ बनाने की प्रक्रिया है।
  •   उनके कार्य ने MOFs को विशिष्ट गुणों के लिए तर्कसंगत रूप से डिज़ाइन करने की संभावना को साकार किया।

MOFs की संरचना और विशेषताएँ:

  •   MOFs क्रिस्टलीय पदार्थ हैं, जो धातु आयनों और कार्बनिक अणुओं से बने स्पंज जैसे छिद्रयुक्त ढांचे होते हैं।
  •   इनमें छोटे, सुव्यवस्थित छिद्र होते हैं, जो गैसों और रसायनों को फँसाने, संग्रहीत करने, या फ़िल्टर करने में सक्षम हैं।
  •   इनकी अनुकूलनीय संरचना विशिष्ट रासायनिक प्रक्रियाओं के लिए डिज़ाइन करने की अनुमति देती है।

MOFs का महत्व:

जल संचयन:

  •   MOFs रेगिस्तानी क्षेत्रों में हवा से नमी निकालकर जल संकट का समाधान कर सकते हैं।
  •   यह भारत जैसे जल-कमी वाले क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जहाँ जल प्रबंधन एक प्रमुख नीतिगत मुद्दा है।

कार्बन शोषण:

  •   MOFs कार्बन डाइऑक्साइड को प्रभावी ढंग से संग्रहीत कर सकते हैं, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत के नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्यों (2070) को प्राप्त करने में सहायक है।
  •   यह पर्यावरणीय स्थिरता और कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (CCS) तकनीकों से संबंधित है।

विषैले गैसों का भंडारण:

  •   MOFs हानिकारक रसायनों को सुरक्षित रूप से कैप्चर और संग्रहीत कर सकते हैं, जो औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

विशिष्ट रासायनिक प्रक्रियाएँ:

  •   MOFs की अनुकूलनशीलता उन्हें दवा निर्माण, ऊर्जा भंडारण, और उत्प्रेरक प्रक्रियाओं में उपयोगी बनाती है।
  •   यह नवीकरणीय ऊर्जा और औद्योगिक नवाचार के क्षेत्र में भारत की प्रगति के लिए प्रासंगिक है।

रसायन विज्ञान में भारतीय योगदान: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

वेंकटरमण रामकृष्णन (2009):

  •   भारत में जन्मे वैज्ञानिक वेंकटरमण रामकृष्णन को थॉमस ए. स्टिट्ज़ और अडा ई. योनाथ के साथ राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली पर शोध के लिए 2009 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला।
  •   उनका कार्य जैव रसायन और चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से एंटीबायोटिक्स के विकास में।

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मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न 1: मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) ने पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता कैसे दर्शाई है? भारत के जलवायु और जल संकट के संदर्भ में इसके अनुप्रयोगों का मूल्यांकन करें। (250 शब्द)

प्रश्न 2: जलवायु परिवर्तन से निपटने में रसायन विज्ञान की भूमिका की व्याख्या करें। मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) के योगदान और भारत की पर्यावरण नीतियों के संदर्भ में चर्चा करें। (250 शब्द)

निबंध के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न 1: विज्ञान और टिकाऊ विकास: वैश्विक चुनौतियों का समाधान

प्रश्न 2: भारत का वैज्ञानिक पुनर्जनन: वैश्विक मंच पर योगदान और चुनौतियाँ

प्रश्न 3: वैज्ञानिक नवाचार और मानव कल्याण: पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए योगदान

प्रारम्भिक परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न: 2025 का रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार निम्नलिखित में से किन्हें प्रदान किया गया है?

  1. A) जॉन बी. गुडइनफ, स्टेनली विटिंगम, और अकीरा योशिनो
  2. B) सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, और उमर याघी
  3. C) वेंकटरमण रामकृष्णन, थॉमस ए. स्टिट्ज़, और अडा ई. योनाथ
  4. D) जेनिफर डाउडना और इमैनुएल शार्पेंटियर

उत्तर: B) सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, और उमर याघी

प्रश्न: मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. MOFs क्रिस्टलीय पदार्थ हैं जो धातु आयनों और कार्बनिक अणुओं से बनते हैं।
  2. इनका उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर और जल संचयन में किया जा सकता है। निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
  3. A) केवल 1
  4. B) केवल 2
  5. C) दोनों 1 और 2
  6. D) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C) दोनों 1 और 2

प्रश्न: रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र भारतीय मूल के वैज्ञानिक कौन हैं?

  1. A) सी.वी. रमन
  2. B) वेंकटरमण रामकृष्णन
  3. C) हर गोबिंद खुराना
  4. D) अमर्त्य सेन

उत्तर: B) वेंकटरमण रामकृष्णन

प्रश्न: 2025 के रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार से संबंधित रेटीकुलर केमिस्ट्री का विकास किसके द्वारा किया गया?

  1. A) सुसुमु कितागावा
  2. B) उमर याघी
  3. C) रिचर्ड रॉबसन
  4. D) कोई नहीं

उत्तर: B) उमर याघी

प्रश्न: मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOFs) का उपयोग निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में नहीं किया जाता है?

  1. A) जल संचयन
  2. B) कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर
  3. C) न्यूक्लियर रिएक्टर डिज़ाइन
  4. D) विषैले गैसों का भंडारण

उत्तर: C) न्यूक्लियर रिएक्टर डिज़ाइन

 

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