Guru's Ashram IAS

Your gateway to success in UPSC | Call us :- 7827728434Shape your future with Guru's Ashram IAS, where every aspirant receives unparalleled support for ARO examsPrepare for success with our expert guidanceTransform your aspirations into achievements.Prepare with expert guidance and comprehensive study materials at Guru's Ashram IAS for BPSC | Call us :- +91-8882564301Excel in UPPCS with Guru's Ashram IAS – where dedication meets excellence

2025 Nobel Peace Prize

नोबेल शांति पुरस्कार 2025

नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेज़ुएला की राजनीतिज्ञ और लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्त्ता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया। उन्हें वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने, तानाशाही शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष और लोकतंत्र की स्थापना के लिए उनके साहसी प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र और शांति के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करता है।

नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की मुख्य विशेषताएँ

पुरस्कार विजेता: मारिया कोरिना मचाडो

पृष्ठभूमि:

  •       मारिया कोरिना मचाडो को वेनेज़ुएला में ‘आयरन लेडी’ के रूप में जाना जाता है।
  •       वह एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और कार्यकर्त्ता हैं, जिन्होंने सत्तावादी शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से संघर्ष किया।
  •       वेनेज़ुएला, जो कभी एक स्थिर लोकतंत्र था, 1999 के बाद तानाशाही की ओर बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों को गरीबी, दमन और सीमित स्वतंत्रताओं का सामना करना पड़ा।

योगदान:

  •       एटेनिया फाउंडेशन (1992): सड़क पर रहने वाले बच्चों की सहायता के लिए स्थापित।
  •       सुमाते (Súmate): स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की निगरानी के लिए सह-स्थापना।
  •       शांतिपूर्ण नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ‘गोली की बजाय मतपत्र’ का समर्थन।
  •       सत्तावादी शासन के खिलाफ विपक्ष को संगठित करने और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को एकजुट करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका।
  •       व्यक्तिगत खतरों के बावजूद वेनेज़ुएला में रहकर संघर्ष जारी रखा।

वैश्विक महत्त्व:

  •       यह पुरस्कार लोकतंत्र को शांति की आधारशिला के रूप में स्थापित करता है।
  •       यह सत्तावाद के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिरोध और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्त्व को रेखांकित करता है।
  •       वैश्विक स्तर पर सत्तावादी शासनों के उदय और लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण के संदर्भ में यह पुरस्कार प्रासंगिक है।

वेनेज़ुएला संदर्भ:

  •       वेनेज़ुएला में लोकतंत्र का क्षरण, आर्थिक संकट, और मानवाधिकारों का हनन।
  •       मचाडो का कार्य वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक आंदोलनों के लिए प्रेरणा स्रोत।

नोबेल शांति पुरस्कार का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

नोबेल शांति पुरस्कार का विकास:

  •       स्थापना: 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार शुरू।
  •       प्रारंभिक फोकस: राष्ट्रों के बीच भाईचारा, स्थायी सेनाओं में कमी, और शांति आंदोलनों को बढ़ावा।

विकास:

  •       द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हथियार नियंत्रण, शांति वार्ता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर ध्यान।
  •       21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने वाले प्रयासों को भी मान्यता।

भारत और नोबेल शांति पुरस्कार:

मदर टेरेसा (1979):

  •       पीड़ित मानवता की सहायता के लिए उनके मानवीय कार्यों के लिए सम्मानित।
  •       उनके कार्य ने वैश्विक स्तर पर करुणा और सेवा के मूल्यों को प्रोत्साहित किया।

कैलाश सत्यार्थी (2014):

  •       बच्चों के दमन के खिलाफ और शिक्षा के अधिकार के लिए कार्य।
  •       बचपन बचाओ आंदोलन की स्थापना।
  •       मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से पुरस्कार प्राप्त।

निष्कर्ष:

नोबेल शांति पुरस्कार 2025 मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया जाना लोकतंत्र, मानवाधिकार, और शांति के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है। UPSC के दृष्टिकोण से, यह पुरस्कार वैश्विक शासन, सत्तावाद के खिलाफ संघर्ष, और भारत की लोकतांत्रिक भूमिका जैसे विषयों को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण है। यह पुरस्कार न केवल मचाडो के साहस को सम्मानित करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रेरित करता है।

मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न 1: मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार उनके लोकतांत्रिक प्रयासों के लिए प्रदान किया गया। वेनेज़ुएला में सत्तावादी शासन के संदर्भ में उनके योगदान का विश्लेषण करें और वैश्विक शांति पर इसके प्रभाव की चर्चा करें। (150 शब्द)

प्रश्न 2: वैश्विक स्तर पर सत्तावाद के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में, मारिया कोरिना मचाडो के शांतिपूर्ण प्रतिरोध के प्रयासों का मूल्यांकन करें। भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के लिए इसके क्या निहितार्थ हैं? (250 शब्द)

प्रश्न 3: मारिया कोरिना मचाडो के साहस और अहिंसक प्रतिरोध के नैतिक मूल्यों का विश्लेषण करें। इन मूल्यों का सार्वजनिक सेवा में नेतृत्व के लिए क्या महत्त्व है? उदाहरणों के साथ चर्चा करें। (150 शब्द)

निबंध के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न 1: लोकतंत्र और शांति का अंतर्संबंध।

प्रश्न 2: सत्तावाद के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिरोध: वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य।

प्रश्न 3: नोबेल शांति पुरस्कार का विकसित स्वरूप: शांति, मानवाधिकार और पर्यावरण।

प्रश्न 4: महिलाओं का शांति और लोकतंत्र में योगदान।

प्रारम्भिक परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:

प्रश्न 1: वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?

  1. a) कैलाश सत्यार्थी
    b) मारिया कोरिना मचाडो
    c) मलाला यूसुफजई
    d) डेनिस मुकवेगे

उत्तर: b) मारिया कोरिना मचाडो

प्रश्न 2: मारिया कोरिना मचाडो, जिन्हें 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला, किस देश की नागरिक हैं?

  1. a) क्यूबा
    b) वेनेज़ुएला
    c) चिली
    d) बोलीविया

उत्तर: b) वेनेज़ुएला

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन-सा संगठन मारिया कोरिना मचाडो द्वारा सह-स्थापित किया गया था?

  1. a) एटेनिया फाउंडेशन
    b) सुमाते (Súmate)
    c) दोनों a और b
    d) कोई नहीं

उत्तर: c) दोनों a और b

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस भारतीय को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है?

  1. a) रविंद्रनाथ टैगोर
    b) मदर टेरेसा
    c) अमर्त्य सेन
    d) वेंकटरमण रामकृष्णन

उत्तर: b) मदर टेरेसा

प्रश्न 5: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का उद्देश्य निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में योगदान को मान्यता देना था?

  1. a) जलवायु परिवर्तन
    b) लोकतंत्र और मानवाधिकार
    c) परमाणु निरस्त्रीकरण
    d) स्वास्थ्य सेवा

उत्तर: b) लोकतंत्र और मानवाधिकार

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights